ASHWAGANDA IS A MAGIC HERB ?The herb is also known as Indian ginseng or winter cherry. The name “ashwagandha” describes the smell of its root, meaning “like a horse.” By definition, ashwa means horse. Practitioners use this herb as a general tonic to boost energy and reduce stress and anxiety.
: अश्वगंधा के शानदार फायदे इस प्रकार
यह दर्द से राहत दे सकता है और नींद लाने में मदद कर सकता है
यह एक डाययूरेटिक (शरीर से पेशाब को बाहर निकालने वाला) के तौर पर काम कर सकता है
यह एक एस्ट्रिंजेंट (शरीर के टिशूज़ को सिकोड़ने वाला) के तौर पर काम कर सकता है
यह एक एंटीहेल्मिन्थिक के तौर पर काम कर सकता है (पैरासाइटिक वर्म्स के खिलाफ काम करता है)
यह थर्मोजेनिक (गर्मी पैदा करने वाला) हो सकता है।1
इसमें एंटी-इन्फ्लेमेट्री गुण (सूजन कम करने की क्षमता) हो सकते हैं
इसमें एंटी-पायरेटिक गुण (बुखार कम करने वाला) हो सकते हैं
इसमें डीप्यूरेटिव गुण (डीटॉक्सिफ़ाइ करने वाला) हो सकते हैं।1
इसमें दिल की सुरक्षा करने वाली खूबियाँ हो सकती हैं
यह एक सिडेटिव (नींद लाने वाला) के रूप में काम कर सकता है
यह थायरोप्रोटेक्टिव (थायराइड ग्लैंड की रक्षा करने वाला) हो सकता है
इसमें हाइपोग्लाइसेमिक गुण (ब्लड शुगर कम करने वाला) हो सकते हैं।
मानव स्वास्थ्य के लिए अश्वगंधा के शानदार उपयोग इस प्रकार हैं
चिंता और डिप्रेशन के लिए अश्वगंधा का शानदार उपयोग:
अश्वगंधा में एंग्ज़योलिटिक (घबराहट से राहत देने वाले) गुण हो सकते हैं जो लॉराज़ेपाम नामक दवा की तरह ही होते हैं। पशुओं में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, अश्वगंधा और लोराज़ेपम दोनों ही पशु मॉडल में चिंता को कम करने में मदद कर सकते हैं। अश्वगंधा में एंटीडिप्रेसेंट गुण भी हो सकते हैं। इससे यह पता चलता है कि अश्वगंधा डिप्रेशन और घबराहट को कम करने में मदद कर सकता है।1 हालाँकि, इस दिशा में अभी और शोध की आवश्यकता है। डिप्रेशन और घबराहट ऐसी स्थितियाँ हैं जिन पर गंभीर ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है और इसके लिए किसी डॉक्टर से मेडिकल सहायता लेनी चाहिए।
आर्थराइटिस के लिए अश्वगंधा का शानदार उपयोग:
अश्वगंधा में आर्थराइटिस के इलाज के लिए शानदार गुण हो सकते हैं जिन्हें बड़े पैमाने पर स्वीकार और रिपोर्ट किया जा सकता है। अश्वगंधा नर्वस सिस्टम को शांत करके दर्द को दूर करने में मदद कर सकता है। एक प्रायोगिक अध्ययन में, रोगियों को अश्वगंधा वाला फ़ॉर्मूला दिया गया। इस अध्ययन में यह पाया गया कि यह हर्बल फ़ॉर्मूलेशन दर्द और विकलांगता की गंभीरता को कम कर सकता है।
Here are the amazing benefits of Ashwagandha:
It may relieve pain and help induce sleep
It may act as a diuretic (expels urine from the body)
It may act as an astringent (shrinks body tissues)
It may act as an antihelminthic (acts against parasitic worms)
It may be thermogenic (heat producing).1
It may have anti-inflammatory properties (ability to reduce inflammation)
It may have anti-pyretic properties (reduces fever)
It may have depurative properties (detoxifying).1
It may have cardioprotective properties
It may act as a sedative (induces sleep)
It may be thyroprotective (protects the thyroid gland)
It may have May have hypoglycemic properties (blood sugar lowering).
Ashwagandha ke Shandaar Upyog:
The following are the great uses of ashwagandha for human health
Ashwagandha’s great use for anxiety and depression:
Ashwagandha may have anxiolytic (panic-relieving) properties similar to those of a drug called lorazepam. According to a study done in animals, both ashwagandha and lorazepam can help reduce anxiety in animal models. Ashwagandha may also have antidepressant properties. This suggests that ashwagandha may help reduce depression and anxiety.1 However, more research is still needed in this direction. Depression and anxiety are conditions that may require serious attention and medical help from a doctor should be sought for this.
Great Uses of Ashwagandha for Arthritis:
Ashwagandha may have great properties for treating arthritis which are widely accepted and reported. Ashwagandha may help relieve pain by calming the nervous system. In a pilot study, patients were given a formula containing Ashwagandha. In this study, it was found that this herbal formulation could reduce the severity of pain and disability.
Disclaimer: The information provided here is for educational/awareness purposes only and is not intended to be a substitute for medical treatment by a healthcare professional and should not be relied upon to diagnose or treat any medical condition. The reader should consult a registered medical practitioner to determine the appropriateness of the information and before consuming it.